#alfaaj #BreakUp
यूं ही बैठे बैठे दिल में मेरे होने लगता था आगाज
न कम हुआ न ज्यादा हुआ जब भी हुआ हुआ दर्द बेशुमार
रोता रहा मै और वो हसती रही जिस दिन किया खत्म उसने प्यार
उठाया कागज उठाई पेन और मै लिखने लगा अल्फाज
कलम टूट गई फिर भी लिखाई मेरी जाती नही है