Unsplash किसी उपन्यास के 2nd लास्ट पन्ने जैसा फ़िर | हिंदी Shayari

"Unsplash किसी उपन्यास के 2nd लास्ट पन्ने जैसा फ़िर वो नवंबर आया, सारी ख्वाहिशें दफन की सीने में फ़िर, खुशियां सब उसके नाम कर आया। पढ़कर वो पूरी किताब और करके दस्तखत आख़िरी पन्ने पर, वो किताब उसे तोहफ़े में, उसके जन्म दिन पर दे आया । ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)"

 Unsplash किसी उपन्यास के 2nd लास्ट पन्ने जैसा फ़िर वो नवंबर आया,
सारी ख्वाहिशें दफन की सीने में फ़िर, खुशियां सब उसके नाम कर आया। 

पढ़कर वो पूरी किताब और करके दस्तखत आख़िरी पन्ने पर, 
वो किताब उसे तोहफ़े में, उसके जन्म दिन पर दे आया ।

©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

Unsplash किसी उपन्यास के 2nd लास्ट पन्ने जैसा फ़िर वो नवंबर आया, सारी ख्वाहिशें दफन की सीने में फ़िर, खुशियां सब उसके नाम कर आया। पढ़कर वो पूरी किताब और करके दस्तखत आख़िरी पन्ने पर, वो किताब उसे तोहफ़े में, उसके जन्म दिन पर दे आया । ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

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