जो तुम्हें कद्र होती, मेरे हुनर की, तो खुशी होती मुझे।
जो तुम्हें मान होता, मेरे साथ पे, तो ख़ुशी होती मुझे
जो तुम फक्र करते मेरी उड़ान पे, तो ख़ुशी होती मुझे।
इन सब के होने और न होने के बावजूद ,जो डोर है मेरे तुम्हारे बीच, वो इतनी भी कमजोर नहीं, कि तुम्हारे मुझ पे गुमाँ करने या नकारने की मोहताज हो।
ये मेरा वादा है खुद से, कि बेशुमार बेहिसाब वफादारी रहेगी तुमसे,
जो तुम्हें भी ऐसी ही कुछ मुझसे भी होता तो, ख़ुशी होती मुझे।
©Dr.Khushboo
#Khushi