श्री गयाजी का महात्म्य
सूत जी सौनक जी से बोले कि एक समय नारद जी
सौनकादि ऋषियों के साथ सनदकुमार के पास गए और प्रणाम करके पूछा कि हे सनतकुमार जी! कोई ऐसे तीर्थ की यात्रा सुनाइए जो मुक्ति दायक हो और जिसका महात्म्य सुनने से मुक्ति प्राप्त हो तब सनतकुमार जी बोले - हे नारद! ऐसा तीर्थ तो गया ही है, ऐसी पवित्र भूमि है कि यहां श्राद्ध और पिंडदान करने से मुक्ति मिलती है
©Amit Kumar
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