Unsplash नारी तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार ह | हिंदी कविता

"Unsplash नारी तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू इस बात पर नाज़ कर, तुझसे ही चलता यह संसार है। विनम्रता, धैर्य सब तेरे अंदर है, क्रोध करे, तो भी प्यार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू धीरज बंधाएं तो, हर परिस्थिति में हम तैयार है। बात अपनी हर मनवाती है, ना तेरे पास कोई हथियार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। मेरे घर की रौनक है, तुझसे से ही मेरा परिवार है। तू जो साथ दे, तो हर चीज का आविष्कार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। ©Priyanka Poetry"

 Unsplash नारी

तू नारी नहीं,
तू एक देवी का अवतार है। 
तू इस बात पर नाज़ कर,
तुझसे ही चलता यह संसार है। 
विनम्रता, धैर्य सब तेरे अंदर है,
क्रोध करे, तो भी प्यार है।
तू नारी नहीं,
तू एक देवी का अवतार है।
तू धीरज बंधाएं तो,
हर परिस्थिति में हम तैयार है। 
बात अपनी हर मनवाती है, 
ना तेरे पास कोई हथियार है। 
तू नारी नहीं,
तू एक देवी का अवतार है।
मेरे घर की रौनक है, 
तुझसे से ही मेरा परिवार है।
तू जो साथ दे, 
तो हर चीज का आविष्कार है। 
तू नारी नहीं,
तू एक देवी का अवतार है।

©Priyanka Poetry

Unsplash नारी तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू इस बात पर नाज़ कर, तुझसे ही चलता यह संसार है। विनम्रता, धैर्य सब तेरे अंदर है, क्रोध करे, तो भी प्यार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू धीरज बंधाएं तो, हर परिस्थिति में हम तैयार है। बात अपनी हर मनवाती है, ना तेरे पास कोई हथियार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। मेरे घर की रौनक है, तुझसे से ही मेरा परिवार है। तू जो साथ दे, तो हर चीज का आविष्कार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। ©Priyanka Poetry

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