White लरज़ती हैं उँगलियाँ तस्वीर तेरी उभरती है रहे होश-ओ-हवास में दुपट्टा, पिन चुभती है लग जाता है बगीचा इत्र का हाथों में मेरे ख़ुश-आमदीद में खुशबू की जान डूबती है
जाती है लग शर्ट पे सुर्ख सी तेरी लिपस्टिक नहीं करता मन धोने का दाग़ इसका ठीक लगते हैं पूछने सवाल बेतुके से लोग बेतुके दिखाऊं कम, लेकिन लेता हूँ छुपा अधिक
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तस्वीर तेरी बने, कहे दुनिया मुझे मुसव्विर शहकार* तुझ सा बनाए हथेली मेरी अमीर जाएं हों लकीरें इन्द्रधनुष मानिंद ओ हमसफ़र मुख्तसर एक लरज़िश बनाए मेरी तक़दीर।
©Rahul Mahawar
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