दिल पर क्या गुजरती है,वह अनजान क्या जाने, प्यार कि | हिंदी Poetry
"दिल पर क्या गुजरती है,वह अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते हैं, वह नादान क्या जाने,
हवा से उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वह तूफान क्या जाने!!😓😓"
दिल पर क्या गुजरती है,वह अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते हैं, वह नादान क्या जाने,
हवा से उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वह तूफान क्या जाने!!😓😓