न चादर बड़ी कीजिए ना ख्वाहिशें दफन कीजिए
चार दिन की जिंदगी है बस चैन से बसर कीजिए
ना परेशान किसी को कीजिए ना हैरान किसी को कीजिए
कोई लाख गलत भी बोले बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिए
ना रुठा किसी से कीजिए ना झूठा वादा किसी से कीजिए
कुछ फुर्सत के पल निकालिए कभी खुद से भी मिला कीजिए
©संदीप मौर्य
#chaandsifarish