मैं वही पर घबराया था.
देखा मैंने अजीब
लगा जैसे सैतान खबीश।
डर से था मै काप उठा.
चिल्लाया था, घबराया था
एक ऐसा मोड़ भी आया था।
एक ऐसा मोड़ भी आया था।।
यूं डर कर जो भाग उठे..
उन में से ना मै भाया (भैया) था।
डर संभाल मै अपना ..
जोरों से चिल्लाया था।
कर हिम्मत मैंने अपना सीना चौड़ा दिखाया था.
ताव दे मूछो को, मैंने फिर लट्ठ उठाया था...
यह देख ,मेरे जो सामने था वह भी बहुत घबराया था
हिम्मत जुटाकर मैंने ..
उसको दूर भगाया था।
उसको दूर भगाया था।।
©sameer@7869
#साहस