एक उम्र के बाद लड़का शांत सा होने लगता है, भागता | हिंदी शायरी Video

"एक उम्र के बाद लड़का शांत सा होने लगता है, भागता हुआ सा शांत । भागता हुआ सा शांत लड़का बहुत खतरनाक होता है । लड़का रूक नही सकता, उसे रुकने नही दिया जाता। भागते भागते वह भीतर से खाली होने लगता है। आस - पास स्नेह ढूंढता है, जो दोस्तो से तो नहीं मिलता। दोस्त उलूल जुलूल बाते करके उसके खालीपन को टाल सकते है, पर खत्म नहीं कर सकते । स्नेह खोजते हुए लड़के से सुन्दर कुछ भी नही है, और स्नेह खोजते हुए लड़के से बुरा भी कुछ नहीं है। लड़के को , एक समय आने पर उसकी मां से दूर कर दिया जाता है, उसका कमरा अलग कर दिया जाता है और उसे आदमियों की श्रेणी में धकेल दिया जाता है मां से सिर्फ वो रसोई तक सीमित रह जाता है, मां के स्नेह की भूख उस आदमी को सारी उम्र एक खालीपन की ओर धकेलती है। आदमी उस स्नेह को अपनी प्रेमिका में खोजता है और उसके साथ बच्चा होने लगता है, पर अफसोस आदमी का बच्चा होना मां के सिवा किसी को भी स्वीकार नही होता, प्रेमिका को भी नहीं क्योंकि प्रेमिका कभी मां नहीं हो सकती क्योंकि उसकी अपनी अपेक्षाएं है, मां की कोई अपेक्षा नही होती ।आदमी फिर आदमी होने लगता है और ढोने लगता है अपने आदमी होने का बोझ। मैने किसी आदमी से " कैसे हो " का जवाब " सब बढ़िया " के अलावा कुछ नहीं सुना। ©Avi_❤️Smile "

एक उम्र के बाद लड़का शांत सा होने लगता है, भागता हुआ सा शांत । भागता हुआ सा शांत लड़का बहुत खतरनाक होता है । लड़का रूक नही सकता, उसे रुकने नही दिया जाता। भागते भागते वह भीतर से खाली होने लगता है। आस - पास स्नेह ढूंढता है, जो दोस्तो से तो नहीं मिलता। दोस्त उलूल जुलूल बाते करके उसके खालीपन को टाल सकते है, पर खत्म नहीं कर सकते । स्नेह खोजते हुए लड़के से सुन्दर कुछ भी नही है, और स्नेह खोजते हुए लड़के से बुरा भी कुछ नहीं है। लड़के को , एक समय आने पर उसकी मां से दूर कर दिया जाता है, उसका कमरा अलग कर दिया जाता है और उसे आदमियों की श्रेणी में धकेल दिया जाता है मां से सिर्फ वो रसोई तक सीमित रह जाता है, मां के स्नेह की भूख उस आदमी को सारी उम्र एक खालीपन की ओर धकेलती है। आदमी उस स्नेह को अपनी प्रेमिका में खोजता है और उसके साथ बच्चा होने लगता है, पर अफसोस आदमी का बच्चा होना मां के सिवा किसी को भी स्वीकार नही होता, प्रेमिका को भी नहीं क्योंकि प्रेमिका कभी मां नहीं हो सकती क्योंकि उसकी अपनी अपेक्षाएं है, मां की कोई अपेक्षा नही होती ।आदमी फिर आदमी होने लगता है और ढोने लगता है अपने आदमी होने का बोझ। मैने किसी आदमी से " कैसे हो " का जवाब " सब बढ़िया " के अलावा कुछ नहीं सुना। ©Avi_❤️Smile

#MereKhayaal

People who shared love close

More like this

Trending Topic