बीमार को. बीमारी की दवाई बताना सही है, पाल रखा हो | हिंदी Life

"बीमार को. बीमारी की दवाई बताना सही है, पाल रखा हो वहम बेवजह, उसको वजह बताना सही है.... ...... सरजमीं है मुसाफिरों की यहाँ, कही अपने है कही बेगाने है... रग रग मे ईर्ष्या बनी हुई है, इंसानियत से सब अनजाने है... एक एक कदम की जगह ही नहीं लोग ही नहीं.... यहाँ तो सब अलग ही पाया जाता है....... लोगो मे मतभेद यहाँ, बस भेद ही पाया जाता है इस जाने पहचाने शहर मे.... हम अनजाने ही सही है, लेकिन एक बात याद रहे... के जो जिस भाषा मे संवाद करता है उसे उस भाषा का ही प्रतिउत्तर देना सही है..... ©Av Motivation Hub"

 बीमार को. बीमारी की
दवाई बताना सही है,
पाल रखा हो वहम बेवजह,
उसको वजह बताना सही है....
......

सरजमीं है मुसाफिरों की यहाँ,
कही अपने है कही बेगाने है...
रग रग मे ईर्ष्या बनी हुई है,
इंसानियत से सब अनजाने है...

एक एक कदम की
जगह ही नहीं    लोग ही नहीं....
यहाँ तो सब अलग ही पाया जाता है.......
लोगो मे मतभेद यहाँ, बस भेद ही पाया जाता है 
इस जाने पहचाने शहर मे....
हम अनजाने ही सही है, 
लेकिन एक बात याद रहे...
के जो जिस भाषा मे संवाद करता है
उसे उस भाषा का ही प्रतिउत्तर देना सही है.....

©Av Motivation Hub

बीमार को. बीमारी की दवाई बताना सही है, पाल रखा हो वहम बेवजह, उसको वजह बताना सही है.... ...... सरजमीं है मुसाफिरों की यहाँ, कही अपने है कही बेगाने है... रग रग मे ईर्ष्या बनी हुई है, इंसानियत से सब अनजाने है... एक एक कदम की जगह ही नहीं लोग ही नहीं.... यहाँ तो सब अलग ही पाया जाता है....... लोगो मे मतभेद यहाँ, बस भेद ही पाया जाता है इस जाने पहचाने शहर मे.... हम अनजाने ही सही है, लेकिन एक बात याद रहे... के जो जिस भाषा मे संवाद करता है उसे उस भाषा का ही प्रतिउत्तर देना सही है..... ©Av Motivation Hub

बीमार को. बीमारी की
दवाई बताना सही है,
पाल रखा हो वहम बेवजह,
उसको वजह बताना सही है....
......

सरजमीं है मुसाफिरों की यहाँ,
कही अपने है कही बेगाने है...

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