White मर्द के दुख बड़े जुबान होते है ,वे न तो माँ को गले लगा कर रो सकता है ,न बाप को गले लगा सकता है ,अंदर से खत्म हो रहा होगा पर जब दोस्तो में जायेगा ।वहीं घुल मिल जाएगा ,रात को तन्हाई में अपनी किसी ख्वाइस का गला घोंट कर सुबह वही हंसता मुस्कराता नजर आएगा । अगर रोयेगा भी तो खुद के साथ ,
मर्द की दी हुई कुर्बानी कभी कभी महदूद नही होती वह तो कुर्बान होता ही रहता है कभी बेटा बनकर, कभी भाई बनकर, कभी पति बनकर तो कभी बाप बनकर।
©Patras Ranvir
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