White हम इंसान भी बहुत अजीब है
कही किसी जगह भहुक् हो जाते है
अपनी खुशी भी हम अपनो में ढुड़ते है
लेकिन भूल जाते है, कि दुनिया स्वार्थी है
सुख में सब अपने, दुःख में सब सपने
इस कलयुग में कोई किसी का सगाँ नहीं
अक्सर हमें धोख़ा ही मिलता है,
फ़िर भी हम नही सुधरते सब अपने है
©संजय जालिम " आज़मगढी"
# अपने#