*संसार* रूपी *सागर* के किनारे खड़ा होकर जो सागर का आनंद लेता है वही सच्चा *संत* है और जो इसमें मछुआरे की तरह अंदर जाता है वह *सांसारिक* होकर हमेशा भय ग्रस्त रहता है। रविशंकर मिश्रा। ©रविशंकर मिश्रा #SAD Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto