बच्चे देश का भविष्य होते हैं और आने वाली नई पीढ़ी ही राष्ट्र और समाज के भविष्य का निर्धारण करती है।
अभी 35 दिन पहले ही कुछ बेसहारा 7 कुत्तो के (पपी) को छोड़कर उनकी माँ इस दुनिया से हमेसा के लिए उनसे दूर चली गयी।जिसे देख मन दुखी और दया का भाव मन मे बार बार हिलोरे ले रहा था।आज रियार्थ को ये जिम्मेदारी का 32 वा दिन चल रहा है। रियार्थ आज इन्हें खाना देना ही नही ।इसे अपना मूल कर्तव्य भी समझ रहा है।
साथ ही एक पिता होने के नाते मेरे पुत्र के प्रति कुछ कर्तव्य हैं। जो उसे बचपन से ही उन्हें त्याग, ममता, प्यार, अनुशासन और प्रगति की शिक्षा देने मे व्यस्त है । साथ ही उसे ये भी सिखाना है कि एक दूसरे की मदद करके ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता हैं।
त्याग, सद्भावना व ममता जैसे गुण एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं, जो न सिर्फ उनके बल्कि देश के उज्जवल भविष्य को भी सुनिश्चित करते हैं। ऐसे में ये बेहद ज़रूरी है कि बच्चों को सही संस्कार और शिक्षा दी जाए।
कहने का अर्थ यह है कि यदि आप अपने बच्चों के अंदर दूसरों की मदद करने का भाव डालते हैं तो बड़ा होने पर उसका जीवन सुखमय बीतेगा। दूसरों की मदद करने के कारण उसका सामाजिक दायरा बड़ा होगा और उसकी भी मदद करने वाले लोगों की संख्या बड़ी होगी। और सब जगह प्रेम का दायरा बढ़ेगा।#beinggentalman #PoetryOnline