त्रेता युग में रामायण हुआ। दुआपर में महाभारत, कलय | हिंदी विचार

"त्रेता युग में रामायण हुआ। दुआपर में महाभारत, कलयुग में बहिस्कार हुआ,स्त्रियो का तिरस्कार हुआ। युध्द तो कई बार हुआ, दानवों का भी संहार हुआ। पर मिटे नहीं दानव इस भूमि से । फिर आयी वही रीत फिर लगा स्त्रियों के चरित्र को दाग, फिर पहुँचा स्त्रियों के आत्मविश्वास को ठेस। फिर बड़ चली दानवों की बर्बरता अत्याचार कि सिमा पहुँची पर फिर मन में एक सवाल आया क्या अब भी बची है कोई युध्द जिसमें हो दानवों का नाश। ©Joyotshana Yadav."

 त्रेता युग में रामायण हुआ।
दुआपर  में महाभारत,
कलयुग में बहिस्कार हुआ,स्त्रियो का तिरस्कार हुआ।
युध्द तो कई बार हुआ, दानवों का भी
संहार हुआ।
पर मिटे नहीं दानव इस भूमि से ।
फिर आयी वही रीत 
फिर लगा स्त्रियों के चरित्र को दाग, फिर पहुँचा स्त्रियों के आत्मविश्वास को ठेस।
फिर बड़ चली दानवों की बर्बरता 
अत्याचार कि सिमा पहुँची पर 
फिर मन में एक सवाल आया
क्या अब भी बची है कोई युध्द 
जिसमें हो दानवों का नाश।

©Joyotshana Yadav.

त्रेता युग में रामायण हुआ। दुआपर में महाभारत, कलयुग में बहिस्कार हुआ,स्त्रियो का तिरस्कार हुआ। युध्द तो कई बार हुआ, दानवों का भी संहार हुआ। पर मिटे नहीं दानव इस भूमि से । फिर आयी वही रीत फिर लगा स्त्रियों के चरित्र को दाग, फिर पहुँचा स्त्रियों के आत्मविश्वास को ठेस। फिर बड़ चली दानवों की बर्बरता अत्याचार कि सिमा पहुँची पर फिर मन में एक सवाल आया क्या अब भी बची है कोई युध्द जिसमें हो दानवों का नाश। ©Joyotshana Yadav.

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