“मैंने गरीबी को मुस्कुराते देखा हैं ।” हाँ भले तक | हिंदी

“मैंने गरीबी को मुस्कुराते देखा हैं ।”
हाँ भले तकलीफें अपार हैं फिर भी मुस्कुराहट बरकरार हैं,
अपने हुनर से चमकते हैं क्योंकि सपनों में ना कोई तकरार हैं ।
हर कोई एक जैसे परिवार से हैं बस इसीलिए छोटे-बङे सब जिगरी यार हैं ;
क्या बनना हैं क्या नहीं ये बस खुद पे भार हैं क्योंकि परिवार हर ओर से तैयार हैं ॥
“तभी तो मैंने गरीबी को मुस्कुराते देखा हैं ।”

बिचौलियों की आंखों में फॉर्चूनर की प्यास हैं, गरीबों को इण्डिका की भी आस नहीं ,

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