मरहम लगाना काम है हमारा
पहले तुम जख्म देना तो सिखलो
दर्द से यारी पक्की करूँगा मैं
पहले तुम दर्द देना तो सिखलो
हम है खिलौना जब चाहे तोर देना
पहले ठीक से खेलना तो सिखलो
मैं रो लुँगा मेरे आशुओँ कि चिन्ता मत करो
जब तक साथ हो सही से हँसना तो सिखलो
मैं जग लुँगा रातो को यादों में तुम्हारी
जब तक बाहों में हो सुकुन से सोना तो सिखलो
मैं सिख लुँगा कैसे तुम्हारे बगैर है जिना
पहले तुम साथ रहना तो सिखलो
समझादुँगा कैसी सोची है अपनी प्रेम कहानी
पहले तुम मेरी बातो को सुनना तो सिखलो
जो-जो चाहते हो आजमा के हम पे सिखलो
हालात समझोगे खुद को मेरी जगह तो रखलो
विष्णु गुप्ता
जलेस्वर, महोत्तरी
#नादान तुम