वो जो कहते हैं कस्बे शहर बन गए
जिनके काग़ज़ में छप्पर भी घर बन गए
वो जो ताजो में फंस के कहीं खो गए
वो जो ऊंचे मकानों में जा सो गए
वो जिन्हे मातमी शोर सुनता नहीं
जिनके खातिर कोई आम जनता नहीं
उनको अब तुम रवानी की रफ्तार दो
हमको भी इस कहानी में किरदार दो
आशीष प्रकाश ©
#modi_ji_hamare_liye_bhi_sochiye
#Modi #Economy