न हम रहे दिल लगाने काबिल, ना दिल रहा गम उठाने काब

" न हम रहे दिल लगाने काबिल, ना दिल रहा गम उठाने काबिल, लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर, न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।"

  न हम रहे दिल लगाने काबिल, ना दिल रहा गम उठाने काबिल, लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर, न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।

 न हम रहे दिल लगाने काबिल, ना दिल रहा गम उठाने काबिल, लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर, न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।

#leftalone feeling better

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