मैं जब भी अकेले बैठता हूं तो
आपके खयालों में डूब जाता हूं,
फिर सोचता हूं कि क्यूं न इन खयालों को
कविताओं का रूप दे दूं पर
जैसे ही कलम उठाता हूं तो
आपकी यादें मुझे रोक देतीं हैं,
शाय़द वो मेरे मन के अलावा
पन्नों में नहीं आना चाहतीं हैं...
श.. शिवम्...🖋️
©Shivam Prajapati
#यादें