पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब , गर बन गया वकील तो दगा | हिंदी शायरी

"पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब , गर बन गया वकील तो दगाबाज़ की खैर नहीं। ©arun mourya1c"

 पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब ,
गर बन गया वकील तो
दगाबाज़ की खैर नहीं।

©arun mourya1c

पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब , गर बन गया वकील तो दगाबाज़ की खैर नहीं। ©arun mourya1c

पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब ,
गर बन गया वकील तो
दगाबाज़ की खैर नहीं।

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