धूप आए बादल छाए, बरसे पानी या पड़े सूखा, मेरा देश | हिंदी शायरी

"धूप आए बादल छाए, बरसे पानी या पड़े सूखा, मेरा देश तो अब भी सोता है, कहिं पर नंगा कहिं पर भूखा । - Shaansh"

 धूप आए बादल छाए, 
बरसे पानी या पड़े सूखा,
मेरा देश तो अब भी सोता है,
कहिं पर नंगा कहिं पर भूखा ।

- Shaansh

धूप आए बादल छाए, बरसे पानी या पड़े सूखा, मेरा देश तो अब भी सोता है, कहिं पर नंगा कहिं पर भूखा । - Shaansh

#republic_day

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