White धन के तीन ही गति होते हैं.....
दान.... भोग....नाश....
लक्ष्मी चंचल होती हैं... एक जगह पर
हमेशा नहीं रहतीं...!
जिस धन का ना तो भोग होता है
ना ही दान होता है उस धन का नाश
निश्चित है। दान का मतलब सिर्फ पूजा पाठ वाला दान नहीं बल्कि हर उस लाचार , मजबूर, और जरूरतमंद की मदद करना
भी होता है।
शुभ धनतेरस
शुभकामनाएं एवं बधाई
©Anokhi
#Dhanteras