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किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा है…
जिंदगी में २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा,
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे….
कोई तौफाह ना मिला आज तक,
और आज फूल ही फूल दिये जा रहे थे…
तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये,
और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे….
दो कदम साथ ना चलने को तैयार था कोई,
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे…
आज पता चला मुझे कि “मौत” कितनी हसीन होती है.
कम्बख्त…
हम तो युहि जिंदगी जिये जा रहे थे..
©Bindi
#love_shayari