मत संभालो इन धड़कनों को तुम अब
अब बस इन्हें तुम जाने दो !
मैं लिख कर ही दम लूँगा ख़ुद को
ख़ुद को तुम्हारे पढ़ने लायक तो बनाने दो !
मेरी बेचैनियाँ तो बहोत सारी हैं
तुम सुकून हो मेरा
ये बात मेरी कलम को इन पन्नों को तो बताने दो !
तुम हिफाज़त हो मेरा, मेरी रूह का कोई ज़ख़्म नहीं
और अगर तुम कोई ज़ख़्म भी हो तो
शौक़ से...
ये लाल रंग मेरे ज़िस्म से धीरे धीरे बह जाने दो !
ये अक्ल मेरा जिस रूह को चाहता है
उस रूह को मेरे शब्दों के आकार से
थोड़ा बहोत तो सजाने दो !
मयखानों का शौक़ीन नहीं हुँ मैं पर
हो सके तो कभी तुम्हारी यादों के नशे से
इन मयखानों के शराबों को भी डगमगाने दो !
मत संभालो इन धड़कनों को तुम अब
अब बस इन्हें तुम जाने दो !
©Soldoutlover
#soldoutlover #Love