BeHappy मैं हंसते हंसते रो पढू,
फिर सोच में रहूं फसा,
मैं किस वजह से था हसा,
और किस वजह से रो पड़ा,
मैं उठके चलना चाहूं पर,
कोई साथमे चले नही।
जो तेरी गलियों में चले,
वो रास्ते मिले नही।
शायद अब हर पड़ाव पर,
यूं ही रहेगी अड़चने,
जो लड़ सका तो ठीक,
वरना रुक पड़ेगी धड़कने।
©Ashwin
#Smile