कुछ राग पेश-ए-खिदमत मे
Sunday, 22 August | 05:30 pm
Price: ₹0.00
Expired
मुझे लगता है खुदा जरूर होगा
जो इस दुनिया को इतना प्यारा बनाया है। उस खुदा की इबादत में ही
मैंने आपके लिए इस शाम को सजाया है।
डायरी के पन्नों में दुबे अल्फाजों को आपके समक्ष लाना चाहता हूं।
क्या पता कभी मुलाकात हो ना हो इसलिए संग आपके कुछ समय बिताना चाहता हूं।
अपने लाइफ में, मैंआपको सादर आमंत्रित करता हूं। अगर आप आते हैं तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी।