Unsplash जो मेरे पास है, वो ख़ज़ाना लिख रहा हूँ,
खुद को मैं हुसैन का दीवाना लिख रहा हूँ।
वो जिनकी शान से झुके हर आसमां,
जिनकी राहों से रोशन हो ये जहां।
उनकी मोहब्बत का तराना लिख रहा हूँ,
खुद को मैं हुसैन का दीवाना लिख रहा हूँ।
कर्बला की जमीं से जो मिला सबक,
सब्र, इबादत और हिम्मत का पथ।
उनकी कुर्बानी का फसाना लिख रहा हूँ,
खुद को मैं हुसैन का दीवाना लिख रहा हूँ।
हर लफ्ज़ में उनकी अदा झलकती है,
उनकी रहमत से हर मुश्किल बहकती है।
उनकी वफ़ा का अफसाना लिख रहा हूँ,
खुद को मैं हुसैन का दीवाना लिख रहा हूँ।
ये मेरी रूह की सदा, मेरा ईमान है,
हुसैन ही मेरे दिल का सुल्तान है।
उनकी शान में हर अंजुमन सजाना लिख रहा हूँ,
खुद को मैं हुसैन का दीवाना लिख रहा हूँ।
©Md Javed Ansari
jo mere paas hai wo khazana likh raha hun #husainzindabad #karbala