मेरे साथ चलने वाली हवाओं का मीठा सा वेग बनोगी क्या,
मेरे हाथों को बेझिझक पकड़ सके, मेरी वो एक बनोगी क्या।
तुम्हारा घुटनों पे आकर जूते की डोरी बाँधना धड़कन बढ़ा गया,
मुझे लगा भरे बाजार में आज मुझे प्रपोज करोगी क्या ।।
©Avnish Gaur
मेरे साथ चलने वाली हवाओं का मीठा सा वेग बनोगी क्या 🥰❤️
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