सोचा था जब मिलोगे तो बातें तमाम होंगी
जो कुछ भी महसूस किया तेरे लिए वो सब बयां होंगी
तुमसे मिलने के ख्याल से ही सोए नहीं रात भर
सोचते रहे तुम मिलोगे तो ये कहेंगे, तुम मिलोगे तो वो कहेंगे
निहारेंगे बस तुमको जी भर कर
नहीं पता था जब सामना होगा,मेरी निगाहों का तेरी निगाहों से
तो ये अधर मेरे खुल ना पाएंगे
जो सोचा था तेरे लिए वो कह ना पाएंगे
निगाहें तो बात कर रही थी मेरी, तेरी निगाहों से
मगर लब खामोश रहकर भी थरथरा रहे थे
मानो कहना तो बहुत कुछ चाहते हो मगर कह ना पा रहे थे
खामोशी ही हम दोनों के बीच के फासलो को अब मिटा रही थी
बिना कुछ कहे सुने ही मैं तेरी होने जा रही थी
निगाहों से निगाहों का, अधरों से अधरो का
मिलन फिर कुछ इस तरह हुआ
भूल कर सारे जहां को फिर मैं तेरी हुई और तू मेरा हुआ
©sabr
#loversday