"क्यों रुक जाए
मुश्किल राहों में चलते चलते
क्यों थक जाए
जीवन के ऊँचाइयों को छूते छूते
क्यूँ परेशान हो जाए
बड़ी परेशानियों का मुकाबला करते करते
आखिर,क्यों हार मान लें
लक्ष्य की ओर पहुँचते पहुँचते
Shivam Writes"
क्यों रुक जाए
मुश्किल राहों में चलते चलते
क्यों थक जाए
जीवन के ऊँचाइयों को छूते छूते
क्यूँ परेशान हो जाए
बड़ी परेशानियों का मुकाबला करते करते
आखिर,क्यों हार मान लें
लक्ष्य की ओर पहुँचते पहुँचते
Shivam Writes