क्रोधः अहङ्कारं पोषयितुं इव यः केवलं आत्मनः हानिं | English Life

"क्रोधः अहङ्कारं पोषयितुं इव यः केवलं आत्मनः हानिं जनयति। क्रोध अहंकार को बढ़ावा देने जैसा है जो केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाता है। Anger is like feeding an ego which only harms oneself. Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj"

 क्रोधः अहङ्कारं पोषयितुं इव यः केवलं आत्मनः हानिं जनयति।
क्रोध अहंकार को बढ़ावा देने जैसा है जो केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाता है।
Anger is like feeding an ego which only harms oneself.
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj

क्रोधः अहङ्कारं पोषयितुं इव यः केवलं आत्मनः हानिं जनयति। क्रोध अहंकार को बढ़ावा देने जैसा है जो केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाता है। Anger is like feeding an ego which only harms oneself. Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj

Lessons Anger is like feeding an ego which only harms oneself.

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