उदाऊ आंखें सपने उनमें हज़ार थे बड़ी जीत के साथ ह | हिंदी Shayari

"उदाऊ आंखें सपने उनमें हज़ार थे बड़ी जीत के साथ हमने गांव को छोड़ें थे हौंसले के कंधे झुके हुए थे क्यों कि कुछ आंखों के सपने पुरे करने आएं थे ©Dev Rishi"

 उदाऊ आंखें सपने उनमें हज़ार थे 
 बड़ी जीत के साथ हमने गांव को छोड़ें थे
हौंसले के कंधे झुके हुए थे
क्यों कि  कुछ आंखों के सपने पुरे करने आएं थे

©Dev Rishi

उदाऊ आंखें सपने उनमें हज़ार थे बड़ी जीत के साथ हमने गांव को छोड़ें थे हौंसले के कंधे झुके हुए थे क्यों कि कुछ आंखों के सपने पुरे करने आएं थे ©Dev Rishi

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