Unsplash सर्दी में प्रकृति के भी अजब नजारे हैं चा | हिंदी Poetry

"Unsplash सर्दी में प्रकृति के भी अजब नजारे हैं चारों तरफ धुआ धुआ धुंध की बौछारें हैं ओढ़ रखी है पेड़ों में भी बर्फ की चादर ठंड से कम्पकपाते होंठ प्रीतम को पुकारे हैं। ©Vijay Vidrohi"

 Unsplash सर्दी में प्रकृति के भी अजब नजारे हैं 
चारों तरफ धुआ धुआ धुंध की बौछारें हैं 
ओढ़ रखी है पेड़ों में भी बर्फ की चादर 
ठंड से कम्पकपाते होंठ प्रीतम को पुकारे हैं।

©Vijay Vidrohi

Unsplash सर्दी में प्रकृति के भी अजब नजारे हैं चारों तरफ धुआ धुआ धुंध की बौछारें हैं ओढ़ रखी है पेड़ों में भी बर्फ की चादर ठंड से कम्पकपाते होंठ प्रीतम को पुकारे हैं। ©Vijay Vidrohi

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