मिले उरूज़ तो इन्सानियत की हद मे रहो। यही तो वक्त

"मिले उरूज़ तो इन्सानियत की हद मे रहो। यही तो वक्त है कुदरत के आजमाने का"

 मिले उरूज़ तो इन्सानियत की हद मे रहो।

यही तो वक्त है कुदरत के आजमाने का

मिले उरूज़ तो इन्सानियत की हद मे रहो। यही तो वक्त है कुदरत के आजमाने का

#specialday

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