वो फरेब से दिल जीत कर जीता है,
स्वागत में तुम्हारे ये गले का फंदा है जो उसके हाथ में फीता है,
ये उसके हाथ में लाल-लाल शराब नहीं,
खून है मेरा जो वो हर रोज बेवफ़ाई करके पीता है,
माना हम श्री राम तो नहीं,
वो भी बेगैरत है कौन सी माँ सीता है,
ये बेवफ़ाई के नुस्खे उसके हाथ में हैं,
तुम कहो कहते रहो की वो उसके पास गीता है,
मैं समझता रहा के ये मोहब्बत है,
मगर ये शब-ए-हिज्र की तैयारी थी जो उसके साथ ये वक्त बीता है...!!!
©Virat Tomar Adv
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