ना सुख चाहु सुरग रो नरक आवसी दाय। म्हारी माटी गांव | हिंदी कविता Video

"ना सुख चाहु सुरग रो नरक आवसी दाय। म्हारी माटी गांव री गळियाँ जै रळ जाय॥ भागीरथ सिंह भाग्य ©gunjan shekhawat "

ना सुख चाहु सुरग रो नरक आवसी दाय। म्हारी माटी गांव री गळियाँ जै रळ जाय॥ भागीरथ सिंह भाग्य ©gunjan shekhawat

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