White ईश्वर के इस जग विधान का, ईश्वर भाग्यविधाता | हिंदी Poetry

"White ईश्वर के इस जग विधान का, ईश्वर भाग्यविधाता है। पाप-पुण्य से अलग आत्मा, ईश्वर रूप कहाता है।। वर के मद में चूर मगर जब, ईश्वर से टकराता है। ईश्वर जिसे दंड देता है, उसको कौन बचाता है।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White ईश्वर के इस जग विधान का, 
ईश्वर  भाग्यविधाता  है। 
पाप-पुण्य से अलग आत्मा,
ईश्वर  रूप  कहाता  है।।
वर के मद में चूर मगर जब, 
ईश्वर  से  टकराता  है।
ईश्वर   जिसे   दंड   देता   है, 
उसको कौन बचाता है।।

©Shiv Narayan Saxena

White ईश्वर के इस जग विधान का, ईश्वर भाग्यविधाता है। पाप-पुण्य से अलग आत्मा, ईश्वर रूप कहाता है।। वर के मद में चूर मगर जब, ईश्वर से टकराता है। ईश्वर जिसे दंड देता है, उसको कौन बचाता है।। ©Shiv Narayan Saxena

#Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है hindi poetry

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