Jai shree ram मुस्कुराते सफर के तकलीफे
५०० वर्षोसे ज्यादा
कौन जानता है यहाँ...
जहाँ प्रभु "श्री राम" हो,
सिकायते सिर्फ नहि,
गहेरी जख्म भि
गहेरी वो कल भि
भुल जाते है सारे जहाँ...
Words: Yudi Shah
©Yudi Shah
मुस्कुराते सफर के तकलीफे
५०० वर्षोसे ज्यादा
कौन जानता है यहाँ
जहाँ प्रभु "श्री राम" हो,
सिकायते सिर्फ नहि,
गहेरी जख्म भि
गहेरी वो कल भि
भुल जाते है सारे जहाँ...