White पंखों का सौदा कर आया,
बिन पूछे ख्वाहिशें बेच आया ll
दुश्मन भेड़ियों से भिड़वाया,
भेद बताकर जंग जो छेड़ी,
अपनो से पाकर दगा ऐसा,
ताज के लिए पंखों का सौदा,
अब कहने को कुछ ना बाकी ll
सबसे पहले पंखों को काटा,
फिर रौंदी मित्रता की हस्ती,
कल का राजा आज रंक था,
उजड़ गई थी उसकी बस्ती ll
©आत्माकी स्याही
#love_shayari
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