घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था... ख्वाबों के दरख्त फल रहे है
मेरी परछाई मेरे साथ चल रहे है
ये जो वक़्त अभी है
कुछ घड़ी पश्चात
बीता हुआ पल हो जायेगा
मेरा आज , 'कल' ।
'कल' हो जायेगा ....
©Karanjeet Sawariyan
हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी
#kranjeet_sawariyan