मुसाफ़िर हूँ .... अनजान राहों की , जब तक मंज़िल नहीं मिलेगी, तब तक चलूँगी ही नहीं। 🤣🤣मै जिस रसà¥à¤¤à¥‡ पर चल पडा हूठवो सही है या गलत मà¥à¤à¥‡. मै जिस रसà¥à¤¤à¥‡ पर चल पडा हूठवो सही है या गलत मà¥à¤à¥‡ नही पता लेकिन इतना तो पता है मà¥à¤à¥‡ इस रसà¥à¤¤à¥‡ पर चलना है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ मादरचोद ये जमाना खराब है || TAMAMTABAHI Writer Hitesh maurya Tamamtabahi Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto