Nojoto खामोशी में लिपटी धुन को
सरगम का एहसास दिया,
कैद पड़े अल्फाजों को,
मजमून दिए, आगाज़ दिया,
हर किस्म के लोग यहां है,
सबके है अंदाज अलग,
सबके हुनर को इज्जत बख़्शी,
सबको खुदमे खास किया,
शहर हो या फिर गांव हो,
सुनता ये सबके विचार है,
Nojoto बस मंच नहीं हैं,
पूरा एक परिवार है,
Nojoto बस मंच नहीं हैं,
पूरा एक परिवार है।
©AS Sabreen
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