कितना अचà¥à¤›à¤¾ होता अगर मैं मुझे तुम अभी यूं निहारो नहीं
मुझे देखने की भी फुर्सत नहीं है
चली आऊं सब छोड़.. तुम्हारे लिए मैं
अभी तुमसे इतनी मोहब्बत नहीं है
बेवजह ही निगाहें तुम्हारी सनम
मेरी रुसवाई का कारण बनेगी
ना रुसवाई का डर हो मेरे जेहन में
अभी मेरी इतनी तो शोहरत नहीं है
अभी तुमसे इतनी मोहब्बत नहीं है
तुम्हारे दिल ने क्यों मुझको चाहा
तुम ही बताओ मुझे जरा ये
भला है मुझ में क्या ऐसी खूबी
ताल्लुक है मेरा गरीब घर से
मेरे पास महलों की दौलत नही है
अभी तुमसे इतनी मोहब्बत नहीं है
©Dr. Anuradha Gupta
#AdhureVakya