बैठे थे किसी शाम ज़ब अपनी दहलीज पर हम, तुम्हें मुक़म्मल पाने का ख़याल आ रहा था, तुम मेरी मसरूफियत रखती हो या नहीं, मेरे मन में ये इक सवाल आ रहा था… ©Jagrit Jaisawal #adventure Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto