कहा था लौट के आओगी एक दिन ,
मैंने ये कब कहा कभी मत आना!
चुनौती नहीं विश्वास था मेरा,
तुम क्या समझ बैठी मेरी जाना!
ये दिल घर है तुम्हारा,
लगाए रखो इसमें आना जाना!
मोहब्बत जंग नहीं फिर भी
मानता हूं हार अपनी
अब अपने आंखों से आंसू मत बहाना!
©Prem
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