मेरे अहसानों की कीमत क्या लगाओगे,,
तुम्हें समय दिया है पाई-पाई चुका पाओगे।
मतलबी जमाने को तो चीख-चीख बयाँ करोगे सब,,
पर अकेले में उस आइने को कौनसा अक्स दिखाओगे।
सच है भुला दोगे मुझे तुम एक सुनहरा सपना समझ,,
ज़िन्दगी की अँधेरी सड़क पर मुझे जलता चिराग़ पाओगे।
मैं तो अंधेरे में गुम हो चुका होऊँगा kisओर,,
तुम मुझे आवाज लगाने की हिम्मत नही जुटा पाओगे।
समय था, वक़्त था, परिस्थितियां थी, रोक लेना था मुझे
क्यों नही रोक पायें सोच अपने आपको फिर रुलाओगे।
तन, मन, धन अन्तर्मन से शिद्दत करोगे मुझे पाने की,,
क्या मेरे स्वाभिमान के आगे एक क्षण टिक पाओगे।
कुछ इस कदर दूर हो चुका होऊँगा मैं तुमसे,,
पास होकर भी मेरी परछाई को तनिक छू न पाओगे।
मैं तो निकला था प्यार बाँटने, बाँट रहा हूँ आज भी,,
क्या मुझसा गहरा प्यार किसी ओर से फिर पाओगे।
©Jugal Kisओर
#Khushiyaan