"रोज़ यूँही बेमन से उठना ...
रात भर जगना...
कीसी भी ख्वाहिश से उम्मीद ना रखना
एक टक बस देखते रहना..
ना कीसी से कोई शिकायत..
ना कीसी से लगाव...
ना कीसी के आने कि ख़ुशी
ना जाने का ग़म...
ये मुझे क्या हो रहा है...
कितना बदल दिया है...
एक शख्स ने मुझे..😔
©kjl shukla(angel)
"