White खोए-खोए रहते हो उलझे -उलझे लगते हो पहले जैसे आज नही तुम बदले-बदले लगते हो..
क्यू इतने बेचैन हो आख़िर, किससे मिलकर आए हो क्या बात है तुम सोच मे डूबे-डूबे लगते हो..
मेरी नज़र का धोका है या जादू आपके जलवो का जानता हू तुम गैर हो लेकिन फिर भी अपने से लगते हो..
गैर की महफ़िल मे बेशक आपका आना जाना है दिल को लेकिन बे-दरदी तुम फिर भी अच्छे लगते हो..
किस जालिम ने फेक दिया है आज ना की चोटी से कुछ तो कहो क्या बात हुई है, बिखरे-बिखरे लगते हो..
खुद ही हमे बदनाम किया अब पूछते हो क्या बात हुई कितने संगदिल हो तुम बदले बदले लगते हो..
खोए-खोए रहते हो उलझे उलझे लगते हो पहले जैसे आज नही तुम बदले-बदले लगते हो..
©Lucky Boy
#sad_shayari